क्या यही है इक्कसवीं सदी का भारत
भूत-बाबा का मंदिर जहां भूत भगाने जैसा पाखंड आज भी जारी है
मध्यप्रदेश के नीमच से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर एक ख़ास जगह है जिसे आस पास के इलाके के लोग भूत-बाबाजी के नाम से जानते है । अगर आपको लगता है कि ये कोई डर वाली जगह है तो आपका ख्याल बिल्कुल गलत है क्योकि यहां भूत नही बल्कि भूत के डर से मुक्ति मिलती है या यूं कहे कि जिन लोगो को भूत जिन्न वैगरह परेशान करते रहते है वे यहां इससे छुटकार पाने आते है । कहा जाता है कि यहां भूतों का मेला भी लगता है तरह तरह के भूत उतारे जाते है यहां । दूर-दूर से लोग मुश्किलों भरा सफर कर यहां एक ख़ास दरबार में हाजिरी लगाने आते है । चाहे आप किसी प्रेतबाधा से परेशान है या किसी खतरनाक बीमारी ने घेर रखा है या फिर बरसों से आपके घर में किलकारियां नही गूंजी हो, इस प्रकार की हर तरह की तकलीफों का ईलाज होता है यहां,वह भी एक खास तरीके से । यहां आने वाले लोगों की माने तो उनकी कई परेशानियां सिर्फ यहा दस्तक देने भर से ख़त्म हो जाती है उनका मानना है कि भूत बाबा उनके हर परेशानियों को दूर कर देंगे और उनके घर में चारो ओर खुशियां ही खुशियां होगी।
मंदिर का ही एक पुजारी भूत-बाबा के रुप में लोगो के परेशानियों को दूर करने का जरिया बनता है उनका मानना है कि किसी खास दिन खास समय पर एक जिन्न उनके शरीर पर दाखिल होता है जिसके बाद वो यहां आने वाले हर परेशान आदमी का इलाज करने लगते है, इलाज का तरीका भी अपने आप में नायाब है,धुपदान में सुलगते कंडे पर पहले खुद वो अपना पाँव सेकते है फिर पाँव को आदमी के शरीर के उस हिस्सें में रखा जाता है जिससे उसकी परेशानी जुड़ी हो।
ये जिन्न कौन है इसको भी लेकर इलाके में एक कहानी प्रचलित है,तकरीबन 500 साल पहले इलाके में एक राजपुत समाज के व्यक्ति थे,जो इलाके के दुःखी और परेशान लोगो की मदद किया करते थे एक दिन अचानक अकस्मात उनकी मृत्यु हो गई जिसके बाद से उनकी आत्मा इलाके में भटकने लगी और अब वही आत्मा भूत-बाबा के उपर आ कर लोगों को कष्टो से निज़ात दिलाती हैभूत-बाबा के दरबार में लोग दूर-दूर से आते है इनमें से कितने यहां आकर ठीक हो पाते है कितने केवल भ्रम का शिकार होते है कह पाना मुश्किल है,अंधविश्वास की जड़ किस हद तक इस इलाके में है जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी लोग डाक्टर के पास जाने से पहले इसी भूत-बाबा की शरण में आते है ।
1 टिप्पणियाँ:
----क्या आप्ने यह पता लगाया कि लोग ठीक होते भी हैं या नहीं, अधूरे समाचार का क्या लाभ; यदि ठीक होती है तो क्या हानि है---आजकल भी सभी पढे लिखे कहते हैं कि डाक्टर के अच्छी तरह से बात करलेने से ही आधी बीमारी ठीक होजाती है, अच्छे डाक्टर के हाथ लगाने से ही आधी बीमारी ठीक होजाती है इत्यदि.
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